लेखनी कविता - बुलाते हैं बादल - बालस्वरूप राही
बुलाते हैं बादल / बालस्वरूप राही
पेड़ हमे देते हैं छाया,
पेड़ हमें देते हैं फल,
पेड़ हमे देते आक्सीजन,
पेड़ बुलाते है बादल।
पेड़ हमें देते हैं लकड़ी,
कुर्सी- मेज बनाते हम,
दरवाजे, खिड़कियों, झरोखों
से घर बार सजाते हम।
पेड़ हमें देते हैं कागज
तो हम लिखते पढ़ते हैं,
पेड़ों के कारण ही जीवन
में हम आगे बढ़ते हैं।
पेड़ों पर आरी चलवाना
अपना गला कटाना है,
हमें पेड़ पौधों के कटने
का दस्तूर मिटाना है।